INDIA GATE||इंडिया गेट क्यों प्रसिद्ध है?||अमर जवान ज्योति ||Timing|| ticket||How to Reach||

INDIA GATE||इंडिया गेट क्यों प्रसिद्ध है?||अमर जवान ज्योति||

नमस्कार दोस्तों,
इस पोस्ट में मैं आपको सैनिकों के बलिदान के लिए बनाए गए स्मारक इंडिया गेट के बारे में संपूर्ण जानकारी देने वाला हूं। इंडिया गेट देश के राजधानी दिल्ली में राजपथ पर स्थित है। यह अंग्रेजी सरकार द्वारा बनवाया गया था। 
India Gate
इंडिया गेट


इंडिया गेट का निर्माण

  1. इंडिया गेट प्रथम विश्व युद्ध तथा भारत-अफगान युद्ध में शहीद सैनिकों की याद में बनवाया गया।
  2. इस स्मारक की डिजाइन एडविन लुटियंस द्वारा तैयार किया गया था।
  3. इंडिया गेट की नीव ड्यूक ऑफ कनॉट ने 10 फरवरी 1921 को रखी।
  4. इस मेमोरियल की ऊंचाई 42 मीटर है तथा चौड़ाई 9.1 मीटर है।
  5. इसका उद्घाटन तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने 12 फरवरी 1931 में किया।
  6. इस स्मारक में द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद लगभग 70000 भारतीय तथा 13300 अंग्रजी सैनिकों के नाम अंकित किए गए हैं।
  7. इंडिया गेट में एक छतरी के नीचे जार्ज पंचम की एक मूर्ति स्थापित थी जिसे आजादी के बाद वहां से हटा दिया गया। अभी वहां केवल छतरी मात्र रह गई है।
  8. भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी द्वारा यह घोषणा की गई है कि छतरी के नीचे भारत के वीर सुभाष चंद्र बोस की ग्रेनाइट की प्रतिमा स्थापित की जायेगी। जिसका काम चालू हो चुका है।
India gate
कनॉपी, जिसमे जार्ज पंचम की प्रतिमा थी।
  • इंडिया गेट में बड़े बड़े अक्षरों में लिखा हुआ है-               To the dead of the Indian armies who fell honoured in France and Flanders Mesopotamia and Persia East Africa Gallipoli and elsewhere in the near and the far-east and in sacred memory also of those whose names are recorded and who fell in India or the north-west frontier and during the Third Afgan War.                                                                                                                                         भारतीय सेनाओं के शहीदों के लिए, जो फ्रांस और फ्लैंडर्स मेसोपोटामिया फारस पूर्वी अफ्रीका गैलीपोली और निकटपूर्व एवं सुदूरपूर्व की अन्य जगहों पर शहीद हुए और उनकी पवित्र स्मृति में भी जिनके नाम दर्ज़ हैं और जो तीसरे अफ़ग़ान युद्ध में भारत में या उत्तर-पश्चिमी सीमा पर मृतक हुए।"
    India Gate
    सुबह का दृश्य

अमर जवान ज्योति

इंडिया गेट परिसर में ही अमर जवान ज्योति स्थित है। 
India gate
अमर जवान ज्योति

  • इसे इंडो-पाक वार 1971 में शहीद सैनिकों के बलिदान को याद करते हुए तत्कालीन प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी द्वारा बनवाया गया था।
  • इसका उद्घाटन 26 जनवरी 1972 में श्रीमती इंदिरा गांधी जी द्वारा किया गया।
  • यहां चार ज्योति हैं जिनमे से एक 24 घंटे प्रज्वलित रहती है जो यह दर्शाती है की जवान कभी मरते नहीं हैं। 
  • अमर जवान ज्योति में स्वतंत्रता दिवस तथा  गणतंत्र दिवस के मौके पर प्रधानमंत्री, सी डी एस, थल सेना, वायु सेना तथा नौसेना अध्यक्षों द्वारा शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है।
  • अमर जवान चबूतरे के चारों तरफ गोल्डन लेटर्स में अमर जवान  लिखा हुआ है।
    India Gate
    अमर जवान ज्योति में तीनों सेनाओं का झण्डा

इंडिया गेट कैसे पहुंचे (How to Reach India Gate)

इंडिया गेट पहुंचना बहुत आसान है
नजदीकी एयरपोर्ट- इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट है।
एयरपोर्ट के पास एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो स्टेशन से सीधे कश्मीरी गेट या दिल्ली गेट मेट्रो स्टेशन पहुंच जाएं वहां से ऑटो ले सकते हैं। इसके अलावा इंडिया गेट के चारो तरफ और भी कई मेट्रो स्टेशन हैं।
नजदीकी रेलवे स्टेशन- पुरानी दिल्ली तथा नई दिल्ली 
रेलवे स्टेशन से ऑटो पकड़कर सीधे इंडिया गेट पहुंच सकते हैं
India Gate
इंडिया गेट के सामने स्थित फव्वारा

टाइमिंग (Timing)

इंडिया गेट सुबह से रात तक खुला रहता है

टिकट (Entry Fee)

इंडिया गेट देखने के लिए कोई टिकट नहीं लगता है। यह स्मारक आप फ्री में देख सकते हैं।

इंडिया गेट में देश विदेश से प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। यहां पहुंच कर देश प्रेम अपने आप जाग उठता है।

Visiting places in Delhi


1 Comments

Previous Post Next Post