प्रतापगढ़ का घंटाघर ||GHANTAGHAR CHOWK PRATAPGARH UP||प्रतापगढ़ का ऐतिहासिक टॉवर

प्रतापगढ़ का घंटाघर || GHANTAGHAR CHOWK PRATAPGARH UP||प्रतापगढ़(बेल्हा) उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक टॉवर

नमस्कार दोस्तों
इस पोस्ट में हम बात करेंगे प्रतापगढ़ (बेल्हा) के ऐतिहासिक घंटाघर ( Clock tower) की। घंटाघर का अर्थ है "किसी ऊंची मीनार पर घड़ी का लगा होना"। 
घंटाघर का इतिहास ज्यादा पुराना नहीं है। जब बहुत कम लोगों के पास घड़ियां हुआ करती थी तो लोगों को समय जानने में बहुत कठिनाई होती थी। जिसके कारण जगह जगह पर घंटाघर बनाए गए। इसमें एक ऊंची मीनार में सबसे ऊपर घड़ी लगा दी जाती थी। और वह घड़ी समय के हिसाब से बजती भी थी। भारत देश में ज्यादातर घंटाघर ब्रिटिश शासन के समय में बनाए गए। भारत का सबसे पुराना घंटाघर दिल्ली के लालकिला के पास चांदनी चौक में स्थित है तथा सबसे ऊंचा घंटाघर लखनऊ में स्थित है।
घंटाघर
प्रतापगढ़ का घंटाघर

प्रतापगढ़ का घंटाघर शहर के बीच में स्थित है। यह घंटा घर शहर के ऐतिहासिक इमारतों में से एक है। घंटाघर चौक प्रतापगढ़ को दो बड़े शहरों प्रयागराज तथा अयोध्या को जोड़ता है। इसके दक्षिण में प्रयागराज तथा उत्तर में अयोध्या पड़ता है। इस घंटाघर के आस पास हमेशा भीड़ रहती है। चौक के आस पास बहुत सारी दुकानें हैं जहां जरूरत की लगभग सभी चीजें मिल जाती हैं। इसे लेबर चौराहा भी कहा जाता है। 
प्रतापगढ़ का भरत मिलाप बहुत प्रसिद्ध मेला है। यह घंटाघर इस भरत मिलाप का साक्षी रहा है। रात भर मेला चलने के बाद दूसरे दिन सुबह सुबह जब घंटाघर पर राम और भरत का मिलाप होता है तो यह नाटकीय दृश्य देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखे भर आती हैं।

घंटाघर के आस पास क्या क्या है

घंटाघर के चारों तरफ क्या क्या है।
  • घंटाघर के पूर्व तरफ लगभग 800 मीटर पर प्रतापगढ़ शहर का एकमात्र जेल स्थित है।
  • घंटाघर के पश्चिम तरफ 1 km दूर शहर का जिला अस्पताल तथा जिला न्यायालय है।
  • घंटाघर के उत्तर तरफ 1.5 km दूर प्रसिद्ध बेल्हा देवी माता का मंदिर है।
    घंटाघर
    बेल्हा देवी मंदिर

  • घंटाघर के दक्षिण तरफ 1 km पे प्रतापगढ़ रेलवे जंक्शन है जहां से दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर जैसे बड़े शहरों की ट्रेन मिल जाती है।
    घंटाघर
    प्रतापगढ़ रेलवे जंक्शन

प्रतापगढ़ का घंटाघर हर समय व्यस्त रहता है सुबह सुबह यहां मजदूरों को भीड़ लगी रहती है। बगल में रेलवे क्रॉसिंग होने के कारण यहां लोग घंटो जाम में फंसे रहते हैं। ट्रैफिक पुलिस दिन भर इस जाम से निजात दिलाने की असफल प्रयास करती रहती है। यहां लोगों की दुकानें सड़क को घेरे हुए है। यहां सड़क चौड़ीकरण की बहुत जरूरत है किंतु चौड़ीकरण करने में कई लोगों के घर या दुकान टूट जायेंगे।शायद इसीलिए प्रशासन शान्ति से बैठी है। फिलहाल शहर के दूसरे रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज पास हुआ है उसके बनने के बाद शायद यहां लोगों को सड़क व्यस्तता से थोड़ी राहत मिल जायेगी।
घंटाघर
प्रतापगढ़ का घंटाघर

प्रतापगढ़ का घंटाघर बीच में खड़ा, दिन भर लोगों की चहल-पहल, आवाजाही, जाम, व्यस्त जिन्दगी  सब कुछ शांति से देखता रहता है। 

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