बोलो बेल्हा माई की जय।।इस जयकारे से गूंजता है पूरा प्रतापगढ़।।बेल्हा देवी धाम इतिहास।।प्रतापगढ़।।

बोलो बेल्हा माई की जय।।इस जयकारे से गूंजता है पूरा प्रतापगढ़।।बेल्हा देवी धाम इतिहास।।प्रतापगढ़।।

प्रतापगढ़: नमस्कार दोस्तों, इस पोस्ट में मैं आपको उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में सई नदी के किनारे स्थित एक प्राचीन मंदिर के बारे में जानकारी देने वाला हूं। इस पावन मंदिर का नाम है बेल्हा देवी धाम। 
बेल्हा देवी धाम के बारे संपूर्ण जानकारी के लिए इस पोस्ट को कृपया पूरा पढ़ें।।
बेल्हा देवी

नाम से सम्बन्धित कहानी

दोस्तों बेल्हा देवी धाम के बारे में कहा जाता है कि यह देवी सती और शिव जी का निवास स्थान था। जब राजा दक्ष द्वारा शिव जी को अपमानित करने पर देवी सती ने यज्ञ अग्नि में कूदकर अपनी आहुति दी थी तो शिवजी उन्हें लेकर तांडव करते हुए पृथ्वी पर घूम रहे थे। देवी के शरीर का भाग जहां भी गिरा वहां शक्तिपीठ बन गया। ऐसी किवंदती है कि देवी का बेला (कमर) वाला भाग यहां गिरा था। इसलिए इस स्थान का नाम शुरू में बेला और अभी बेल्हा देवी धाम पड़ गया। बेल्हा देवी नाम के कारण प्रतापगढ़ जिले को "बेल्हा" भी बोला जाता है।
एक और मान्यता यह है कि पुरुषोत्तम श्री राम वनवास जाते समय प्रतापगढ़ में रुककर सई नदी के किनारे बेल्हा देवी की पूजा-अर्चना की थी।
बेल्हा देवी

मंदिर निर्माण

इस भव्य मंदिर का निर्माण आज से लगभग 200 वर्ष पहले, सन 1811-1815 के दौरान, प्रतापगढ़ के राजा प्रताप बहादुर सिंह ने करवाया था। इस मंदिर का परिसर काफी बड़ा है। बेल्हा देवी के मुख्य मंदिर में देवी की चांदी की परत चढ़ी हुई मूर्ति स्थापित है। मुख्य मंदिर के साथ साथ यहां भगवान शिव जी, संकटमोचन हनुमान, श्री राधाकृष्ण तथा जगत के पालनकर्ता श्री सीताराम का भी मंदिर स्थापित है। 

दर्शन कैसे करें

मंदिर परिसर में जाने के लिए 2 गेट हैं। मंदिर में जाने से पहले भक्तगण मंदिर के बाहर ही लगी दुकानों से प्रसाद तथा फूल माला ले लेते हैं। इन्ही दुकानदारों की देखरेख में आप अपने वाहनों को पार्क कर सकते हैं। अपने चप्पल जूते भी दुकान पर ही उतार सकते हैं। मंदिर में प्रवेश के बाद वहां दो कतार लगी होती है जिसमे लगकर आप देवी के मुख्य मंदिर में पहुंच जायेंगे। वहां के पुजारी आपका प्रसाद देवी को चढ़ाकर आपको वापस कर देते हैं। अब आप परिसर में स्थित सभी मंदिरों में आराम से दर्शन कर सकते हैं 
यहां नारियल फोड़ने तथा चुनरी बांधने के लिए एक स्थान सुनिश्चित है। भक्तो में अटूट विश्वास है कि मां बेल्हा देवी से मन से मांगी हुई हर मुराद अवश्य पूरी होती है।
बेल्हा देवी

मंदिर परिसर में 

  • मंदिर परिसर में बच्चों के मुंडन कार्यक्रम होते हैं,
    बेल्हा देवी

  • यहां यदि किसी की मान्यता पूरी हो जाती है तो वे भोज का कार्यक्रम करते हैं जिसके लिए अलग से स्थान बनाया गया है,
    बेल्हा देवी

  • यहां लोग के शादी के लिए वर वधू दिखाई के लिए भी आते हैं,
  • इस मंदिर में शादियां भी होती हैं।   
  • यहां हर सोमवार और शुक्रवार को मेला लगता है। 
  • मंदिर में नवरात्रि के समय तथा महाशिवरात्रि के दिन बहुत अधिक संख्या में भक्त आते हैं

कैसे पहुंचे

बेल्हा देवी धाम प्रतापगढ़ रेलवे स्टेशन से मात्र 2 किमी की दूरी पर स्थित है। यहां से आप ई रिक्शा पकड़कर आराम से धाम तक पहुंच सकते हैं। बाकी अगर आप अपने वाहन से हैं तो आप सदर चौराहा से पश्चिम तरफ 500 मीटर जाकर उत्तर तरफ 300 मीटर दूर माता के भव्य मंदिर में पहुंच सकते हैं। 
उम्मीद है कि आपको इस मंदिर में जाने का सौभाग्य प्राप्त हो और देवी जी आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करें। 
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