प्रयागराज का संगम||इलाहाबाद का कुम्भ मेला|| संगम दर्शन||TRIVENI SANGAM|| KUMBH MELA||
चित्र 1. शाम का दृश्य |
दोस्तों इस पोस्ट में हम भारत देश के पवित्र स्थल तथा तीर्थस्थानों में सर्वोच्च तीर्थस्थल त्रिवेणी संगम के बारे में बताने वाले हैं।
नदियों में सर्वश्रेष्ठ गंगा, यमुना, तथा सरस्वती का जिस जगह मिलन होता है उसे हम संगम कहते हैं। यह संगम उत्तर प्रदेश के प्रयागराज( पुराना नाम इलाहाबाद जिसे यूपी के मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ जी द्वारा 16 अक्टूबर 2018 को प्रयागराज कर दिया गया) में स्थित है। यह जगह हिंदू धर्म में एक बहुत ही महत्व स्थान रखता है। संगम में गंगा और यमुना नदी के मिलन को देखा जा सकता है। गंगा नदी का पानी मटमैला तथा यमुना नदी का पानी हरा दिखता है। तीसरी नदी सरस्वती अदृश्य हैं। इस नदी के बारे में कहा जाता है की यह धरातल में बहती हैं। ऐसी मान्यता है कि संगम में स्नान करने से मनुष्य के सारे पाप धुल जाते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।
प्रत्येक वर्ष यहां माघ मेले का आयोजन होता है। जिसमे लोगो के रहने के लिए कैंप बने जाते हैं।
हर छः सालो में कुम्भ तथा हर बारह सालों में महाकुम्भ का आयोजन होता है। इस समय त्रिवेणी संगम देखते ही बनता है। कुंभ तथा महाकुंभ के समय यहां देश विदेश के श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। इस समय कई तरह के अघोरी तथा नागा बाबा की भीड़ लगी रहती है।
जब असुरों ने छीना अमृत
पौराणिक कथाओं में इस बात के जिक्र किया गया है कि समुद्र मंथन के बाद जब भगवान विष्णु अमृत लेकर जा रहे थे तो असुर उनके पीछे लग गए और अमृत कलश के लिए छीना-झपटी करने लगे इस छीना-झपटी में अमृत की चार बूंदे पृथ्वी (प्रयाग, हरिद्वार, नासिक तथा उज्जैन में) पर गिरी। इसलिए इन स्थानों को तीर्थस्थान कहा जाता है। ऐसी मान्यता है कि यहां स्नान करके मनुष्य इस नश्वर संसार के बंधनों से मुक्ति पा जाता है।
आकर्षण
1. प्रयागराज स्थित संगम का धार्मिक महत्व तो है ही साथ ही साथ यहां की प्राकृतिक सुंदरता पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। यहां आपको कई तरह के प्रवासी पक्षी देखने को मिल जायेंगे। जो माघ मेले के दौरान बहुत जादा की संख्या में यहां आते हैं।
चित्र 2.प्रवासी पक्षियों का झुंड |
3. ऐतिहासिक आकर्षण की बात करें तो त्रिवेणी के तट पर ही अकबर का क़िला है जहां से आप संगम का अति सुंदर नजारा देख सकते हैं।
चित्र4.अकबर का क़िला |
4. संगम किनारे बजरंग बली की एक लेटी हुई प्रतिमा है जो कि विश्व प्रसिद्ध है। जो भी श्रद्धालु संगम स्नान के लिए आते हैं, हनुमान जी की इस अनूठी प्रतिमा का दर्शन जरूर करते हैं।
5. कुंभ तथा महाकुंभ के दौरान संगम में एक अलग ही दुनिया नजर आती है। जो आपने कही और नही देखी होगी।
चित्र5. महाकुम्भ के दौरान शिव जी की बनाई हुई प्रतिमा |
स्नान कैसे करें( संगम तक कैसे पहुंचे)
प्रयागराज जंक्शन से संगम तट की दूरी लगभग 5 km है, यहां से आपको आराम से ऑटो मिल जाती है। यदि आप प्रयाग स्टेशन जाते हैं तो वहां से तट की दूरी मात्र 2 km है। अगर सामान्य दिनों की बात करें तो आप ऑटो से तट के बिलकुल पास तक पहुंच सकते हैं। स्नान करने के लिए आप नदी के किनारे कर सकते हैं या बिलकुल संगम में जहां गंगा तथा यमुना मिलती हुई दिखती हैं, वहां तक जा सकते हैं। वहां पहुंचने के लिए आपको नाव से जाना पड़ेगा जो आपको नदी के तट पर आसानी से मिल जाती है। नदी में स्नान के लिए एक प्लेटफार्म बनाया गया है जहां पर पंडित पूजा-पाठ कराते हैं। कई लोग स्नान करने के बाद वहीं पर पूजा-अर्चना भी करते हैं।
कुंभ तथा महाकुंभ के दौरान प्रशासन की तरफ से अलग व्यवस्था की जाती है नदी के तट तक आपको पैदल ही जाना पड़ सकता है।
फोटो गैलरी
संगम के आस पास घूमने वाली जगह
2.भारद्वाज आश्रम
3. आनन्द भवन
4.इलाहाबाद संग्रहालय
5. हनुमान मंदिर
👌👌👌
ReplyDeletebhut badhiya.. ganga maiya ki jai
ReplyDeleteVery nice
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