आनन्द भवन|| ANAND BHAWAN PRAYAGRAJ || TIMING AND TICKET
आनंद भवन |
अगर इसके इतिहास की बात करें तो सबसे पहले इसे मोतीलाल नेहरू जी ने 07 अगस्त 1899 में राजा जयकिशन दास से खरीदा था। तब ये महज एक मंजिला की बिल्डिंग थी। बाद में इसे मोतीलाल जी द्वारा और बढ़ाया गया। पुराने भवन को राष्ट्रीय कांग्रेस को दान कर दिया गया। इसी भवन में गांधी जी के नेतृत्व में भारत देश को स्वतंत्रता के लिए कई सारी मीटिंग होती थी। इस पुराने भवन का नाम स्वराज भवन भवन रख दिया गया।
सन 1930 में मोतीलाल नेहरू जी द्वारा डिजाइन नए भवन को आनंद भवन नाम दिया गया। शुरू में कई सालो तक यह भवन नेहरू परिवार का घर रहा जहां से नेहरू परिवार की कई यादें जुड़ी हैं। जवाहर लाल नेहरू जी की मृत्यु के पश्चात सन 1970 में तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी ने इस भवन को भारत सरकार को समर्पित कर दिया। फिर इस भवन को आनंद भवन संग्रहालय के रूप में परिवर्तित कर दिया गया जिसे सन 1971 में आम पर्यटकों के लिए खोल दिया गया।
भारत देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी का जन्म स्वराज भवन में हुआ था तथा इनकी शादी आनंद भवन में हुई।
आनन्द भवन में क्या क्या घूमें
आनंद भवन(ANAND BHAWAN)-
आनन्द भवन का परिसर काफी बड़ा है जिसमे घूमने के लिए बहुत सारी चीजे हैं। सबसे पहले तो आप 2 मंजिला बना हुआ नेहरू आवास(आनन्द भवन) में जाएं जिसमे आपको नेहरू परिवार की ढेर सारी स्मृतियां देखने को मिल जायेगी। यहां नेहरू परिवार के दैनिक उपयोग की लगभग सारी चीजे देखने को मिल जाएंगी। जैसे उनका बेड, डाइनिंग टेबल, कुर्सियां, किताबें, ढेर सारी फोटो, उनके कपड़े तथा नेहरू जी के जेल से संबंधित कुछ वस्तुएं इत्यादि।
आनंद भवन |
आनंद भवन के अंदर का दृश्य |
स्वराज भवन( SWARAJ BHAWAN)-
दूसरा स्वराज भवन है जहां जवाहर लाल तथा कमला नेहरू की सुपुत्री इंदिरा गांधी जी का जन्म हुआ था। यह भवन इंदिरा जी के बचपन की कई यादों को समेटा हुआ है। इस भवन में ही गांधी जी के नेतृत्व में आंदोलनों की पृष्ठभूमि तैयार की जाती थी। यहीं पर पंडित नेहरू जी ने "पूर्ण स्वतंत्रता" का भाषण तैयार किया।
भारत छोड़ो आन्दोलन का प्रारूप भी यहीं तैयार किया गया।
भवन के अंदर साउंड सिस्टम के द्वारा पर्यटकों को इतिहास की महत्वपूर्ण घटनाओं एवं नेहरू परिवार के जीवन चरित को अवगत कराया जाता है।
स्वराज भवन |
जवाहर तारामंडल
(JAWAHAR PLANETARIUM)-
तीसरा स्थान बहुत महत्वपूर्ण है जिसका नाम है जवाहर तारामंडल।
जवाहर तारामंडल की स्थापना सन 1979 में की गई। इस तारामंडल में दर्शकों को ब्रम्हांड में उपस्थित तारों के बारे मे जानकारी दी जाती है। तारामंडल के अंदर बैठकर पर्यटक दिन में ही हुबहू रात के सारे तारे देख सकते हैं और उनके बारे में अच्छी खासी जानकारी हासिल कर सकते हैं
जवाहर तारामंडल |
टिकट Ticket
आनन्द भवन के लिए टिकट
ग्राउंड फ्लोर- 20 rs
दोनो फ्लोर- 70 rs
स्वराज भवन-
5 rs
तारामंडल-
60 rs
समय Timing
आनन्द भवन और स्वराज भवन के लिए समय
प्रत्येक मंगलवार से रविवार तक सुबह 09.30 से 1700 शाम तक।
सोमवार को अवकाश रहता है।
तारामंडल की टाइमिंग के लिए चित्र देखें-
Bahut acchi jagah hai ghumne ke liye.......👌👌👌
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