मनगढ़ भक्ति धाम।।राधाकृष्ण मंदिर।धरती का स्वर्ग।।दिव्य दर्शन।।प्रतापगढ़
नमस्कार दोस्तों
आइए आपको ले चलता हूं प्रतापगढ़ के दिव्य धाम,भक्ति मंदिर।
विश्व के अनोखे मंदिरों में से एक प्रतापगढ़ के कुंडा क्षेत्र में स्थित भक्ति मंदिर श्री राधा कृष्ण को समर्पित है। इस मंदिर की वास्तुकला दुनिया में इसे महत्वपूर्ण स्थान दिलाती है। इस मंदिर में कारीगरों द्वारा हाथ से जो नक्काशी की गई है वह बहुत ही कम मंदिरों में देखने को मिलती है।
मंदिर निर्माण तथा उद्घाटन
- भक्ति मंदिर विश्व के सर्वश्रेष्ठ गुरुओं में से एक जगद्गुरु कृपालु जी महाराज ने बनवाया था।
- यह मंदिर जगद्गुरु कृपालु जी महाराज की जन्म स्थली प्रतापगढ़ के कुंडा क्षेत्र में स्थित है।
- इस मंदिर की नीव 26 अक्टूबर सन 1996 को रखी गई तथा इसका उद्घाटन नवम्बर 2005 में हुआ।
- इस मंदिर के निर्माण में छोटे छोटे रंग बिरंगी पत्थरों, स्तंभ के लिए काले ग्रेनाइट तथा सफेद संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है।
- मंदिर की जमीन से ऊंचाई 108 फीट है।
- इस मंदिर के ग्राउंड फ्लोर में आप राधाकृष्ण के बाल्यावस्था, उनकी बचपन की क्रीड़ाओं, यशोदा मैया का वात्सल्य इत्यादि देख सकते हैं।
- मंदिर के फर्स्ट फ्लोर श्री सीताराम जी को समर्पित है।
आइए आपको मंदिर के अंदर ले चलते हैं
- इस मंदिर में प्रवेश के लिए 3 द्वार हैं। मंदिर में प्रवेश करते ही आप भक्ति भावना से ओत प्रोत हो जाते हैं।
- अंदर प्रवेश करते ही आपको अशोक के वृक्ष की लंबी कतार देखने के मिलती है।
- मंदिर के मुख्य द्वार से थोड़ा अंदर श्रीकृष्ण और अर्जुन के महाभारत काल की मूर्ति स्थापित है।
- लगभग 500 मीटर चलने पर आपको आमने सामने दो भव्य मंदिर दिखाई पड़ते हैं।
- वहीं बगल में एक खूब बड़ा सा गुंबदाकार मंदिर दिखाई पड़ता है।
- इन तीनों मंदिर परिसर में प्रवेश के पहले ही आपको जूता चप्पल स्टैंड में अपने जूते वगैरह जमा करने होते है।
- मंदिर परिसर में जानवरों को जीवन्त नक्काशी की गई है।जिन्हे देखकर ऐसा लगता है मानो वे जीवित हों। परिसर में कई तरह के फूल लगाए गए हैं।
- भक्ति मंदिर में प्रवेश करते ही आपको जगद्गुरु कृपालु जी महाराज,उनके माता पिता तथा भगवान श्रीकृष्ण की कई प्रतिमाएं दिखाई देती हैं। श्रीकृष्ण की बाल्यावस्था की कई क्रीड़ाएं देखने को मिलती है इन्हे देखकर द्वापर युग की अनुभूति होने लगती है। मन भक्ति भावना से भर जाता है। यहां आपको चारो तरफ राधे-राधे का जयकारा सुनाई देता है।
- पहली मंजिल पर भगवान श्री राम के जीवन चरित को दर्शाया गया है।
- भक्ति मंदिर के सामने ही सफेद संगमरमर जगद्गुरु कृपालु जी महाराज समधी स्थल बना हुआ है जिसमे आप उनके जीवन से संबंधित प्रतिमाएं देख सकते हैं।
- इसके बाद आप भक्ति भवन में प्रवेश करें जिसे बिना किसी स्तंभ के गुंबदाकार बनाया गया है। इसमें एक साथ लगभग 50000 श्रद्धालु एक साथ बैठकर प्रवचन सुन सकते हैं। इस भवन में जाते ही आप अपने आप बाहरी मोह माया से बिल्कुल दूर हो जाते हैं।
मंदिर खुलने तथा बन्द होने का समय
- मंदिर सुबह 8.30am से 11am बजे तक तथा 2pm से 8.30pm बजे तक खुलता है।
- आरती रोज शाम को 4.30 पर होती है।
- गुंबदाकार भक्ति भवन रोज सुबह 10 बजे से शाम के 8 बजे तक खुलता है।
- जगद्गुरु कृपालु जी महाराज समाधि गुरु भवन रोज सुबह 8 बजे से शाम के 8 बजे तक खुला रहता है।
jai shri ram
ReplyDeleteJai shree Ram
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